होली पर निबंध हिंदी में - Essay on Holi in hindi

होली पर निबंध हिंदी में - Essay on Holi in hindi

होली पर निबंध हिंदी में

रूपरेखा - हिन्दुओं के चार प्रमुख त्योहार, होली के त्यौहार का समय, त्यौहार के मनाने का ढंग, होली का महत्त्व, होली के मनाने में सुधारों की आवश्यकता, हमारा कर्तव्य, उपसंहार ।

होली पर निबंध २५० शब्दों में

हिन्दुओं के चार प्रमुख त्योहार

'हिन्दुओं के चार प्रमुख त्यौहार माने जाते हैं - दशहरा, होली, दीपावली और रक्षाबन्धन । इसमें होली मस्ती और प्रसन्नता का त्यौहार है। यह त्यौहार सारे देश में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। सभी जातियों के लोग इसे बड़ी प्रसन्नतापूर्वक मनाते हैं।

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होली के त्यौहार का समय व त्यौहार के मनाने का ढंग

होली का त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है । पूर्णिमा के दिन किसी बड़े चौक में ईंधन का देर लगा दिया जाता है । रात्रि में इसका पूजन होता है और इसमें आग लगा दी जाती है । सभी लोग इस आग में जौं की बालियाँ भूनते हैं और एक दूसरे से गले मिलते हैं । होली जलने के दूसरे दिन होली खेली जाती है । सुबह से ही चारों ओर रंग की फुहारें उड़ने लगती हैं । लाल गुलाल से सबके मुँह रंग दिए जाते हैं । सुबह से ही चारों ओर व्यक्ति एक-दूसरे पर रंग डालते हैं और प्रेम से एक-दूसरे से गले मिलते हैं । दोपहर को लगभग दो बजे तक यही कार्यक्रम चलता रहता है । इसके बाद लोग नहा-धोकर नए कपड़े पहनकर बाहर निकलते हैं और सारा दिन बड़ी हँसी-खुशी के साथ व्यतीत करते हैं ।

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होली का महत्त्व

होली के त्यौहार के सम्बन्ध में अनेक कहानियाँ कही जाती हैं । कुछ लोग कहते हैं कि नए सम्वत के बदलने की खुशी में यह त्यौहार मनाया जाता है । कुछ लोगों के अनुसार इसी दिन हिरण्यकश्यप की बहन होलिका भक्त प्रहलाद को लेकर आग में बैठ गई थी किन्तु भगवान की कृपा से प्रहलाद बच गया और होलिका जल गई । इसी स्मृति में आज भी होली जलाई जाती है । कुछ भी हो, यह त्यौहार हँसी-खुशी से भरपूर होता है ।

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होली के मनाने में सुधारों की आवश्यकता

होली का त्यौहार आज जिस ढंग से मनाया जाता है, उसमें सुधारों की भी आवश्यकता है । हमें होली इस प्रकार खेलनी चाहिए जिससे दूसरों को भी प्रसन्नता हो । किसी को भी दुःख नहीं होना चाहिए । होली में ईंधन के लिए किसी के भी साथ हठ नहीं करनी चाहिए । बहुत से व्यक्ति रंग के स्थान पर कीचड़ मिट्टी आदि का प्रयोग करते हैं, इससे हानि होती है, ऐसा कभी नहीं करना चाहिए। अतः इनसे बचना चाहिए तथा अपने इस त्यौहार को हँसी-खुशी के साथ मनाना चाहिए ।

उपसंहार

वास्तव में होली के त्यौहार का बहुत महत्त्व है । यह त्यौहार एकता और भाई-चारे को बढ़ाने वाला है । अतः हमें इसे इसी रूप में मनाना चाहिए तथा प्रेमपूर्वक एक दूसरे से मिलना चाहिए ।

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होली पर निबंध १०० शब्दों में  

  • होली मस्ती और प्रसन्नता का त्यौहार है।
  • होली का त्यौहार सारे देश में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।
  • होली का त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है ।
  • होली जलने के दूसरे दिन होली खेली जाती है ।
  • सुबह से ही चारों ओर रंग की फुहारें उड़ने लगती हैं और लाल गुलाल से सबके मुँह रंग दिए जाते हैं । 
  • दोपहर को लगभग दो बजे तक यही कार्यक्रम चलता रहता है ।
  • हमें होली इस प्रकार खेलनी चाहिए जिससे दूसरों को भी प्रसन्नता हो । 
  • सभी जातियों के लोग इसे बड़ी प्रसन्नतापूर्वक मनाते हैं।
  • इसके बाद लोग नहा-धोकर नए कपड़े पहनकर बाहर निकलते हैं और सारा दिन बड़ी हँसी-खुशी के साथ व्यतीत करते हैं ।
  • यह त्यौहार एकता और भाई-चारे को बढ़ाने वाला है ।
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प्रश्न-उत्तर 

होली पर हम क्या करते हैं?

रात्रि में इसका पूजन होता है और इसमें आग लगा दी जाती है । सभी लोग इस आग में जौं की बालियाँ भूनते हैं और एक दूसरे से गले मिलते हैं । होली जलने के दूसरे दिन होली खेली जाती है । होली के शुभ अवसर पर हम  लोग आपस में मिलकर गले लगते हैं और एक दूसरे को गुलाल का रंग लगाकर होली का त्यौहार मनाते हैं। इसी समय धार्मिक और फागुन गीत भी गाये जाते हैं। होली के त्यौहार पर लोग खासतौर से बने गुजिया, पापड़, हलवा, आदि खाते हैं। ।

होली कब से और क्यों मनाई जाती है?

होली के त्यौहार के सम्बन्ध में अनेक कहानियाँ कही जाती हैं । कुछ लोग कहते हैं कि नए सम्वत के बदलने की खुशी में यह त्यौहार मनाया जाता है । कुछ लोगों के अनुसार इसी दिन हिरण्यकश्यप की बहन होलिका भक्त प्रहलाद को लेकर आग में बैठ गई थी किन्तु भगवान की कृपा से प्रहलाद बच गया और होलिका जल गई । इसी स्मृति में आज भी होली जलाई जाती है । कुछ भी हो, यह त्यौहार हँसी-खुशी से भरपूर होता है ।

होली के त्यौहार का समय क्या है ?

होली का त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है ।


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