"बकरीद" या "ईद-उल-अजहा"
मुसलमानों का ईद के बाद सबसे मशहूर त्यौहार बकरीद जिसे 'ईद-उल-अज़हा' या "ईद-उल-जुहा' के नाम से जाना जाता है। यह ईद से लगभग 2 महीने 10 दिन बाद आता है।
'ईद-उल-अज़हा' मुसलमानों का एक मशहूर त्यौहार है। यह त्यौहार क़ुरबानी (बलिदान) देने का है।
हज़रत इब्राहीम का इम्तिहान लेने के लिए पैगंबर हज़रत इब्राहीम को अल्लाह की ओर से हुक्म आया कि वह अपनी सबसे अधिक अज़ीज़ (प्यारी, पसंदीदा) वस्तु की कुर्बानी दे। हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के लिए उनका बेटा सबसे अधिक प्यारा था। इब्राहीम को अल्लाह का मित्र (हनीफ़) कहा गया है। अल्लाह का हुक्म उनके लिए पत्थर की लकीर था। वह उसे मानने के लिए तैयार थे। कुर्बानी से पहले उन्होंने इस बारे में बेटे से बात की। बेटे ने पिता के फैसले को सही बताया और हँसते-हँसते कुर्बानी देने के लिए तैयार हो गया ।
बकरीद पर निबंध हिंदी में
हज़रात इब्राहीम को लगा कि कुरानी देते वक़्त वे भावुक हो सकते हैं। इसलिए उन्होंने अपनी आंख पर पट्टी बांध ली और छुरी चला दी। जब पट्टी खोली तो नज़ारा देख कर हैरान रह गए। बेटा सही सलामत खड़ा है और उसकी जगह पर दुम्बा पड़ा हुआ है। यह अल्लाह का करिश्मा था। जैसे ही हज़रत इब्राहीम छुरी लेकर बेटे को क़ुर्बान करने लगे, वैसे ही फरिश्तों के सरदार जिब्रील ने बिजली की तेज़ी से आकर बच्चे की जगह दुम्बे को रख दिया। जिससे हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम के बेटे की जान बच गई।
यही से ईद-उल-अज़हा की शुरुआत हो गई। जिसे आज भारत के साथ दुनिया के सभी हिस्सों में धूम- धाम के साथ मनाया जाता है।
बकरीद की तैयारी त्यौहार के कई दिनों पहले से आरम्भ हो जाती है। बकरीद तीन दिनों तक मनाई जाती है। बकरीद के लिए बकरों की खरीदारी होती है। जिसे बकरीद के तीन दिन तक ज़बा कर सकते हैं।
ईद-उल-अज़हा की नमाज़ अदा करने के बाद , सभी लोग अपने घरों पर बकरे की क़ुबानी करते हैं। बकरे की कुर्बानी के बाद उसके गोश्त को तीन भागों में बांटा जाता है। इसका एक भाग परिवार के लिए, दूसरा भाग संबंधियों के लिए तथा तीसरा भाग गरीबों में बाँटा जाता है।भारतीय किसान पर निबंध हिंदी में | Essay on Indian farmer in Hindi
इस ख़ुशी के मौके पर परिवार के सभी लोगों के लिए नए कपड़े बनवाए जाते हैं। सभी छोटे बड़े एक दूसरे के घरों में गोश्त बाटने हैं।
घर के बड़े लोग बच्चों को ईदी देते हैं। बच्चो की ख़ुशी ठिकाना नहीं रहता है। दोस्तों के साथ चाट पकौड़ी खाते हैं और पूरा दिन मटरगस्ती करते हैं।
ईद-उल-अजहा या बकरीद पर 10 लाइन
- मुसलमानों का ईद के बाद सबसे मशहूर व बड़ा त्यौहार बकरीद है।
- 'ईद-उल-अज़हा' या "ईद-उल-जुहा' या 'बकरा ईद' के नाम से जाना जाता है।
- बकरीद ईद से लगभग 2 महीने 10 दिन बाद आता है।
- बकरीद का त्यौहार क़ुरबानी (बलिदान) देने का है।
- ईद-उल-अज़हा की नमाज़ अदा करने के बाद , सभी लोग अपने घरों पर बकरे की क़ुबानी करते हैं।
- ईद भाई चारे का त्यौहार है।
- बकरीद हिंदुस्तान के साथ दुनिया के सभी देशों में मनाया जाता है।
- बकरीद के दिन घरों में सिवइयाँ बनती हैं।
- बच्चे व बड़े एक दूसरे के घरों में सिवइयाँ खाने जाते हैं।
- बकरीद में बच्चो को ईदी मिलती है।
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