महात्मा गाँधी पर निबंध हिंदी में | Essay on Mahatma Gandhi in Hindi
महात्मा गाँधी जी पर निबंध 1000 शब्दों में
भारतभूमि को महान आत्माएँ सदा पवित्र करती रही हैं । श्रीराम, श्रीकृष्ण, महात्मा बुद्ध और गाँधीजी जैसे अनेक महापुरुष यहाँ जन्म ले चुके हैं । आधुनिक युग के महापुरुषों में गाँधीजी बहुत प्रसिद्ध हैं । विश्व बन्धु राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को लोग 'बापू' कहकर पुकारते हैं । वे अहिंसा के अवतार, सत्य के देवता, अछूतों के मसीहा और राष्ट्र के पिता थे।इस महान पुरुष का जन्म सन १८६६ ई० को गुजरात के पोरबन्दर स्थान पर हुआ था । इनके पिता का नाम करमचन्द गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई था । महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी था । बालक मोहनदास पर माता के धार्मिक स्वभाव का गहरा प्रभाव था । गाँधीजी का विवाह तेरह वर्ष की आयु में कस्तूरबा के साथ हुआ था । कस्तूरबा शिक्षित नहीं थी, फिर भी उन्होंने गाँधीजी को जीवन भर सहयोग दिया ।
महात्मा गाँधी पर निबंध 250 शब्दों में - महात्मा गाँधी एस्से
गाँधीजी मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करके कानून का अध्ययन करने के लिए इंग्लैन्ड गए। वहाँ उन्होंने सदाचार पूर्ण तथा नियमबद्ध जीवन व्यतीत किया । जब वे बैरिस्टर होकर भारत लौटे तो उनकी माता का देहान्त हो चुका था । सर्वप्रथम उन्होंने बम्बई में वकालत की। ये सच्चे मुकदमे लड़ते थे और गरीबों के मुकदमों की पैरवी निःशुल्क करते थे ।
दशहरा पर निबंध इन हिंदी (Dussehra Essay in Hindi) - विजय-दशमी
गाँधीजी को सन १८६३ ई० में एक गुजराती व्यापारी के मुकदमे की पैरवी करने के लिए दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा, वहाँ भारतीयों के साथ उन्हें काला आदमी कहकर अपमानपूर्ण व्यवहार किया जाता था । गाँधीजी को स्वयं वहाँ अपमान सहन करना पड़ा। भारतीयों की दयनीय दशा को देखकर गाँधीजी की आत्मा में विद्रोह की आग भड़क गई। वहाँ उन्होंने भारतीयों की दशा सुधारने के लिए सत्याग्रह आन्दोलन किया । उन्हें अनेक कष्ट दिए गए लेकिन अन्त में अफ्रीकी सरकार को झुकना पड़ा और गाँधी स्मट्स समझौते के अनुसार भारतीयों को सम्मानपूर्ण जीवन प्राप्त हुआ।
महात्मा गाँधी पर निबंध 200 शब्दों में
सन १८६६ ई० में गाँधीजी भारत वापिस लौट आए । यहाँ आकर उन्होंने भारत को स्वतन्त्र कराने के लिए आन्दोलन छेड़ दिया । अंग्रेजी सरकार ने इनको अनेक बार जेल भेजा किन्तु इन्होंने अपनी हठ नहीं छोड़ी । सन १६४७ में इन्होंने 'अंग्रेजो भारत छोड़ो' का नारा लगाया । इनको फिर जेल की सजा हुई किन्तु अन्त में अंग्रेजों को इनकी बात माननी पड़ी और १५ अगस्त सन १६४७ को भारत स्वतन्त्र हो गया ।
गाँधीजी राजनैतिक नेता होने के साथ-साथ समाज सुधारक और ग्राम सुधारक भी थे। इन्होंने हरिजनों का उत्थान किया, नारियों को समाज में सम्मानपूर्ण स्थान दिलाया । इन्होंने ग्रामों की उन्नति की, ग्रामोद्योग को प्रोत्साहन दिया । बेसिक शिक्षा, कुटीर उद्योग एवं समाज सुधार मूलक आन्दोलनों का नेतृत्व किया ।
महात्मा गाँधी पर निबंध 150 शब्दों में
गाँधीजी का व्यक्तित्व महान था । उनकी कथनी और करनी में अन्तर न था । सादा जीवन उच्च विचार, सत्य, अहिंसा, प्रेम और शान्ति उनके सन्देश थे । वे रामराज्य और हिन्दू-मुस्लिम एकता के कट्टर समर्थक थे । देश के स्वतन्त्र होने पर गाँधीजी ने देश को सुखी बनाने के लिए अनेक प्रकार की योजनाएँ बनानी प्रारम्भ कर दी किन्तु दुष्ट तो सभी स्थानों पर होते हैं । ३० जनवरी सन १६४८ को नाथूराम गोडसे नामक एक व्यक्ति ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी । उनकी हत्या का समाचार सुनकर भारत बिलख पड़ा और विश्वभर में शोक छा गया । वास्तव में गाँधीजी विश्व के सर्वश्रेष्ठ महान पुरुषों में से एक थे । वे श्रेष्ठ सन्त, परम धर्मात्मा, समाज सुधारक और राष्ट्र के पिता और मानवता के पोषक थे ।
हमारा विद्यालय पर निबंध हिंदी में - Our School Essay in Hindi
महात्मा गाँधी पर निबंध 10 लाइन (महात्मा गाँधी एस्से)
- इस महान पुरुष का जन्म सन १८६६ ई० को गुजरात के पोरबन्दर स्थान पर हुआ था ।
- गाँधी जी के पिता का नाम करमचन्द गाँधी और माता का नाम पुतलीबाई था ।
- विश्व बन्धु राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को लोग 'बापू' कहकर पुकारते हैं ।
- महात्मा गाँधी जी अहिंसा के अवतार थे।
- महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी था ।
- गाँधीजी का विवाह तेरह वर्ष की आयु में कस्तूरबा के साथ हुआ था ।
- गाँधीजी मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण करके कानून का अध्ययन करने के लिए इंग्लैन्ड गए।
- गाँधी जी सच्चे मुकदमे लड़ते थे और गरीबों के मुकदमों की पैरवी निःशुल्क करते थे।
- भारतीयों की दशा सुधारने के लिए सत्याग्रह आन्दोलन किया ।
- सन १६४७ में इन्होंने 'अंग्रेजो भारत छोड़ो' का नारा लगाया ।
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