'ईद' या 'ईद-उल-फ़ित्र' पर निबंध
ईद-उल -फ़ित्र मुसलमानो का सबसे बड़ा त्यौहार है। ईद रोज़ों के बाद आता है। जो हिंदुस्तान के साथ दुनिया के सभी देशों में मनाया जाता है।
उर्दू महीना शाबान के बाद रमजान का चाँद निकलता है। रमजान का चाँद मगरिब की नमाज़ के बाद देखा जाता है। रमजान का चाँद देखते ही बच्चों और बड़ों में ख़ुशी का माहौल बन जाता है, सभी लोग रमजान की तय्यरियाँ शुरू कर देते है। मस्जिदों की साफ़ सफाई , तरावीह का इंतिज़ाम शुरू हो जाता है।
रमजान का महीना बरकतें लेकर आता है। इस महीने में सभी लोग ज्यादा से ज्यादा इबादत करते है। मस्जिदों में क़ुरान पाक की तिलावत होती है। रमजान के माह में कम से कम एक कुरान मुकम्मल करना लाज़मी है। मस्जिदों में तरावीह पूरी होने के बाद मिठाई बांटी जाती है।
रमजान का महीना बरकतें लेकर आता है। इस महीने में सभी लोग ज्यादा से ज्यादा इबादत करते है। मस्जिदों में क़ुरान पाक की तिलावत होती है। रमजान के माह में कम से कम एक कुरान मुकम्मल करना लाज़मी है। मस्जिदों में तरावीह पूरी होने के बाद मिठाई बांटी जाती है।
रमजान माह में जकात व फ़ित्रा निकलना लाज़मी है। ज़कात गरीबों का हक़ होता है। जकात निकलने का मक़सद यह होता है कि जो लोग गरीब हैं वह भी ईद माना सके। जकात जान व माल का सदक़ा हो है।
मेरा प्रिय त्योहार ईद पर निबंध
रमजान माह की 29 व 30 तारीख में शाम के वक़्त चाँद देखा जाता है। चाँद देखने के बाद बच्चे व बड़े ख़ुशी से झूम उठते हैं, और जोर शोर के साथ ईद-उल-फ़ित्र की तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
रात भर जाग कर घरों की सफाई और तरह - तरह के खाने बनाए जाते हैं। बच्चे भी रात भर जाग कर अपने आस पास मोहल्ले की गलियों को सजाते हैं।
सुबह होते ही सभी लोगो नहा कर नए कपड़े पहनते हैं। ईद गाह जाने का इंतिज़ाम करते है। ईद गाह एक रास्ते से जाना व दूसरे रास्ते से वापस आना चाहिए। इससे सवाब मिलता है। ईद गाह पहुंच कर 'ईद-उल-फ़ित्र' की नमाज़ अदा करते है।
'ईद' की नमाज़ अदा करने के बाद सभी लोग आपस में गले मिलते हैं, और गिले सिकवे दूर करते हैं। बच्चे मेला घूमते हैं। चाट पकौड़ी और खिलौने खरीदते हैं।
ईद के दिन घरों में सिवइयाँ बनती हैं। इस लिए 'ईद-उल-फ़ित्र' को 'मीठा' त्यौहार भी कहा जाता है। बच्चे व बड़े एक दूसरे के घरों में सिवइयाँ खाने जाते हैं। बच्चों को ईदी मिलती है।
ईद-उल-फ़ित्र या ईद पर 10 लाइन
- ईद-उल -फ़ित्र (ईद) मुसलमानो का सबसे बड़ा त्यौहार है।
- ईद रोज़ों के बाद आता है।
- ईद भाई चारे का त्यौहार है।
- ईद हिंदुस्तान के साथ दुनिया के सभी देशों में मनाया जाता है।
- ईद के दिन घरों में सिवइयाँ बनती हैं।
- बच्चे व बड़े एक दूसरे के घरों में सिवइयाँ खाने जाते हैं।
- 'ईद-उल-फ़ित्र' को 'मीठा' त्यौहार भी कहा जाता है।
- ईद में बच्चो को ईदी मिलती है।
- ईद में लोग आपस में गले मिलकर एक दूसरे के गीले सिकवे खत्म करते है।
- ईद की नमाज़ पढ़ने से पहले मीठा खाना चाहिए।
2 Comments
Sach me Eid bhaichare ka tyohar hai. 🙏
ReplyDeleteShukriya
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